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यह झोलानहीं जानती किन छोटी-मोटी जरूरतों के तहतपहिए आविष्कार हुआ होगा झोले का पहिये के बाद का सृष्टि का सबसे बड़ा अविष्कार हैआविष्कारकभी पड़ी होगी जरूरत कैंची, सुई और धागे की एक साथ समय की फिसलन से कुछ चीज़ें चीज़े बचा लेने की इच्छाओं ने मिल-जुलकर डाली जुल कर रची होगी नींव शक्ल झोले की।की पर इससे पहले बनी होगी गठरियाँ गठरियौ कुछ सौगात अपनों के लिए बांध ले जाने लेने की ख्वाहिश में उम्र के भावों बहाव में पीछा करते अनुभवों को एहसास मुश्किलें आसान आसन करने के कुछ खास नुस्खों कोआसन नुस्ख़ेदूसरों अपनों के लिए बचाने की खातिर ही बनी होगी तह -दर -तह चेहरों चेहरे पर झुर्रियों झुर्रियो की झोलीजिसे बांट बाँट देना चाहता होगा हर शख्स
जाने से पहले
कि आगे भी बची रह सके उसकी उसके छाप और परछाई।परछाईं कुछ लेने के लिए भी तो चाहिए झोले घर में एक के बाद एक आते है दूसरे नए-नए झोले कभी-कभी सिर्फ़ अपने लिए बनते है ये दिल की भीतरी तहों में हर झोले में होते है चीज़ो के अलग महीन अर्थ लिपि बनने को आतुर रेखाऍशिल्प में ढलने को मचलती आकृतियाँ जागते हुए सपने देखने की कला दरअसल इसी में फंसा होता है हमारा चेहरा
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