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वेद पुराण गुरु छवूँ शास्तर, राम रामायण सत्य है नाता ।
बलिहारी गुरु गुन गाय़ रहे नर नाग कवि कोउ पार न पाता ।
शिवदीन निरंतर ध्यान लगा , गुरु गोविन्द के सम कौन है दाता
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