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'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नरेन्द्र मोदी |अनुवादक=अंजना संध...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नरेन्द्र मोदी
|अनुवादक=अंजना संधीर
|संग्रह=आँख ये धन्य है
}}
<poem>
आँख ये धन्य है (कविता संग्रह)
सर झुकाने की बारी आये
ऐसा मैं कभी नहीं करूँगा
पर्वत की तरह अचल रहूँ
व नदी के बहाव सा निर्मल
........
शृंगारित शब्द नहीं मेरे
नाभि से प्रकटी वाणी हूँ
...............
मेरे एक एक कर्म के पीछे
ईश्वर का हो आशीर्वाद
............
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=नरेन्द्र मोदी
|अनुवादक=अंजना संधीर
|संग्रह=आँख ये धन्य है
}}
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आँख ये धन्य है (कविता संग्रह)
सर झुकाने की बारी आये
ऐसा मैं कभी नहीं करूँगा
पर्वत की तरह अचल रहूँ
व नदी के बहाव सा निर्मल
........
शृंगारित शब्द नहीं मेरे
नाभि से प्रकटी वाणी हूँ
...............
मेरे एक एक कर्म के पीछे
ईश्वर का हो आशीर्वाद
............
</poem>