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इतने गुमान / सुदीप बनर्जी

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|वर्ष= 1997
|भाषा=हिन्दी
|विषय=--कविता
|शैली=--
|पृष्ठ=90
* [[शहर की रूह / सुदीप बनर्जी]]
* [[यह एक सिलसिला शालीन है / सुदीप बनर्जी]]
* [[उनके अँधेरे अंधेरे में / सुदीप बनर्जी]]
* [[पहले जलसे में आए वो / सुदीप बनर्जी]]
* [[हम सभी तब / सुदीप बनर्जी]]
* [[उसके सुख़न में थोड़ा सा अज़ीब / सुदीप बनर्जी]]
* [[ख़ाकनशीं सारे अभिमान / सुदीप बनर्जी]]
* [[ वह तो बैठी, वहीं खिड़की पर / सुदीप बनर्जी]]* [[उँगलियाँ उंगलियाँ भूल आई हूँ / सुदीप बनर्जी]]
* [[टिमटिमाती बत्तियों से / सुदीप बनर्जी]]
* [[समय का फेर / सुदीप बनर्जी]]
* [[खटखटाने से उसकी नब्ज़ें दुखतीं / सुदीप बनर्जी]]
* [[ कोई विचार, कुछ भी तो बाक़ी नहीं / सुदीप बनर्जी]]* [[ आँखों के भीगने से / सुदीप बनर्जी]]* [[ सबके आख़िर में है वसन्त/ सुदीप बनर्जी]]
* [[धीरे-धीरे दरकिनार होते / सुदीप बनर्जी]]
* [[उधर सड़क के नीचे सुरंगें हैं / सुदीप बनर्जी]]
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