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Kavita Kosh से
राखै धणी धिणाप
घणी सतायां बापड़्यां
देसी उŸार उत्तर धाप,
95.
के हूंतो हंूती इंयां
सूळ चुभन निरबन्ध ?
98.
बंधण कंवळै फूल रो