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<poem>
अभिनेता चार्ली चैपलिन
जूतों के फटे हैं तल्ले,
दो अँखियाँ उसकी प्यारी
चारु-चपल लगें वे,
यह अभिनेता चार्ली चैपलिन
जूतों के फटे हैं तल्ले,
कैसे तो सब जीते हैं, लगता है गड़बड़झाला
बड़ा अजनबी लगे है, जीवन का यह उजाला
कलई किया है चेहरा
दिलो-दिमाग पर वश नहीं
कालिख़ पहले से गहराई
कुछ धीमे स्वरों में सबसे
लोग पसन्द मुझे करें क्यों
यह महामार्ग, भला, क्या सबको करे प्रदर्शित
बड़ा अजनबी लगे है, जीवन जो नहीं सुरक्षित
ओ अभिनेता चार्ली चैपलिन
खरगोश न बन रे, भैया
साफ़ कर दे सारे दड़बे
तेरी पत्नी रह गई है
झक्क और सनक ही होगी अब तेरी मज़बूरी
बस पार करनी होगी तुझे यह अनजानी दूरी
आया कहाँ से, चैपलिन
क्यों जन है दिखाई देता
कारण है इसका, साथी
ओ अभिनेता चार्ली चैपलिन
आ, चार्ली, यहाँ तू आ
असमय में तू यूँ ही
अब तेरा बड़ा पतीला
इसी में तू अब अपनी
ज़रा देख, मस्क्वा फिर कितना निकट है, चार्ली
और राह यह उसकी तुझको नहीं विकट है, चार्ली