भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
म्हुं तौ कैतो र्यों
नै तू टल्लावी रई
जाणै हूरज ऊगी र्र्यो रर्यो हुवै
पण अवड़ै आतम्यो हूरज
नै ऊगै, काल हवार पैल।
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,887
edits