भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |अनुवादक= |संग्रह=आसोज मा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशान्त
|अनुवादक=
|संग्रह=आसोज मांय मेह / निशान्त
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
कूटळो चुगण आळा
घरां स्यूं
कूटळो नीं मांगै
स्यात बै इत्ती
समझ राखै कै
जे कुटळो मांग्यो तो
घर आळा काठा होज्यैगा
ईं वास्तै बै सदां
कचरो गळी स्यूं ई चुगै
भलांई कूटळो
गळी तांई आंवतो-आंवतो
अर गळी में पड़्यो-पड़्यो
कित्तोई
छीज्यै ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits