भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पान माई / भारत यायावर

No change in size, 19:09, 27 जनवरी 2008
पान माई इस नक्शे पर झुकी रहती है
सुबह से शाम त्कतक
कितना दुखी हो जाती है
पनमाई पानमाई की दुकान ?
अपनी दिन भर की कमाई
Anonymous user