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लेखक: [[{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=दुष्यंत कुमार]][[Category:कविताएँ]]|संग्रह=साये में धूप / दुष्यन्त कुमार}}[[Category:दुष्यंत कुमारग़ज़ल]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,<br>