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|रचनाकार=विष्णुकांत पांडेय
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<poem>फोन उठाकर कुत्ता बोला-
सुनिए थानेदार,
घर में चोर घुसे हैं, बाहर
सोया पहरेदार!
मेरे मालिक डर के मारे,
छिप बैठे चुपचाप,
मुझको भी अब डर लगता है
जल्दी आएँ आप!
</poem>
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