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ज़िंदगी थी जब तलक
मरघट से डरते थे मगर,
उठ गई अर्थी तो
फिर मरघट था यह सारा जहान ।
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ज़िंदगी थी जब तलक
मरघट से डरते थे मगर,
उठ गई अर्थी तो
फिर मरघट था यह सारा जहान ।
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