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Kavita Kosh से
*[[अपनी मज़बूरी सुनाने के लिए मज़बूर हैं / पृथ्वी पाल रैणा]]
*[[मन ही शस्त्रागार हमारा/ पृथ्वी पाल रैणा]]
*[[ज्ञान जगत का / पृथ्वी पाल रैणा]]
*[[अब तक जो हम जीते आए / पृथ्वी पाल रैणा]]
*[[हम जैसा चाहें वैसा / पृथ्वी पाल रैणा]]