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|रचनाकार=शेरजंग गर्ग
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}}
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<poem>कितनी भोली, कितनी प्यारी,
सब पशुओं में न्यारी गाय,
सारा दूध हमें दे देती,
आओ इसे पिला दें चाय!
</poem>
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सब पशुओं में न्यारी गाय,
सारा दूध हमें दे देती,
आओ इसे पिला दें चाय!
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