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*[[जब एहसास की झील में हमने दर्द का कंकर फेंका है / ज़ाहिद अबरोल]]
*[[सहरा से जंगल में आकर छाँव में घुलती जाए धूप / ज़ाहिद अबरोल]]
*[[सूरत-ए-शम'अ जले हैं लेकिन नाम मिला परवानों का / ज़ाहिद अबरोल]]
*[[शोर की बाहों में गीतों का जिस्म पिघलते देखा है / ज़ाहिद अबरोल]]