भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार रवींद्र |अनुवादक= |संग्रह=च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार रवींद्र
|अनुवादक=
|संग्रह=चेहरों के अन्तरीप / कुमार रवींद्र
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>गुंबजों का शहर
सीढ़ियों का शहर
अक्स हैं धूप के -आयने जादुई
राह सीधी नहीं
हर सडक मुड़ रही
बंद दीवार से
जानकर जुड़ रही
अजनबी भीड़ जलसे में शामिल हुई
चींटियों की तरह
लोग चलते रहे
पार मीनार के
रोज़ ढलते रहे
पीठ पर हैं गदेले
रुई से भरे
हर गली में मिले
हाँफते आसरे
खोजते ही रहे रोशनी अनछुई
फूस के ढेर में खो गयी है सुई
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार रवींद्र
|अनुवादक=
|संग्रह=चेहरों के अन्तरीप / कुमार रवींद्र
}}
{{KKCatNavgeet}}
<poem>गुंबजों का शहर
सीढ़ियों का शहर
अक्स हैं धूप के -आयने जादुई
राह सीधी नहीं
हर सडक मुड़ रही
बंद दीवार से
जानकर जुड़ रही
अजनबी भीड़ जलसे में शामिल हुई
चींटियों की तरह
लोग चलते रहे
पार मीनार के
रोज़ ढलते रहे
पीठ पर हैं गदेले
रुई से भरे
हर गली में मिले
हाँफते आसरे
खोजते ही रहे रोशनी अनछुई
फूस के ढेर में खो गयी है सुई
</poem>