भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राग तेलंग |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>दुश्म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राग तेलंग
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>दुश्मन एक समय दोस्त हुआ करता था
पहले जितना जिगरी दोस्त था
बाद में उतना ही जानी दुश्मन हुआ
यूं बनाए रखी स्मृति में जगह हमेशा
दोस्त के भीतर दुश्मन ने
रस का रूप परिवर्तन शाश्वत है ।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=राग तेलंग
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>दुश्मन एक समय दोस्त हुआ करता था
पहले जितना जिगरी दोस्त था
बाद में उतना ही जानी दुश्मन हुआ
यूं बनाए रखी स्मृति में जगह हमेशा
दोस्त के भीतर दुश्मन ने
रस का रूप परिवर्तन शाश्वत है ।
</poem>