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Kavita Kosh से
|रचनाकार=शैलजा पाठक
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|संग्रह=मैं एक देह हूँ, फिर देहरी / शैलजा पाठक
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<poem>कान से कम सुनने वाली औरतें
जबान से ज्यादा बोलती हैं