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/* प्रतिनिधि रचनाएँ */
* [[कि अब वही है साक्षात घटोत्कची वारिस / कुमार मुकुल]]
* [[और यथार्थ भी एक दिन स्वप्न हो जाता है / कुमार मुकुल]]
* [[उम्र के भीतर अमरता स्थिर किए / कुमार मुकुल]]