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09:01, 27 मार्च 2008
दिल की धड़कन बना लिया उनको।आता लबों पे नाम तेरा बार-बार क्यूँ?
पुतलियों में छुपा लिया उनको।।है रोज़ सुबह शाम तेरा इंतज़ार क्यूँ।।
::जिनके चूमे क़दम बहारों ने।नाजुक तरी निगाह, बड़े नाज की पली।
::मुस्करा कर लुभा लिया उनको।।ऎसी भली निगाह से दिल का शिकार क्यूँ।।
टोलियाँ ढूंढती हैं तारों की।मेरे क़रीब आ तू मेरे और भी क़रीब।
मैंने जब से चुरा लिया उनको।।दो दिल न मिल सके तो हुईं आँखें चार क्यूँ।।
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