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|रचनाकार=अज्ञात
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{{KKLokGeetBhaashaSoochi|भाषा=राजस्थानीKKCatRajasthaniRachna}}<poem>
म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे
 
ओ नण्दी के बीरा
 
तने यूँ घूंघट में राखूंगी ओ नण्दी के बीरा
 
म्हाने रखड़ी घड़ादे रे ओ नण्दी के बीरा
 
तने यूँ माथे पर सजालूंगी ओ नण्दी के बीरा
 
म्हाने चूंदड़ी मंगादे रे
 
ओ नण्दी के बीरा
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