भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उद्धव विषाद / अमरेन्द्र

2 bytes added, 03:19, 23 दिसम्बर 2016
उनकी हुई है हार माने आज दिल से
विपदा-विपदा हरो गोपी की गोकुल आ के
प्राणों की ही भीख माँगे भुवन निखिल सेl
कितना कठोर श्याम काँप उठूँ लेते नाम
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,574
edits