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Kavita Kosh से
भरे जोबन तेरा गोरी तो शाख़ों में लचक आये।
नज़र में ख़्वाब वो ढालो कि उड़कर आसमाँ छू लंेलें
जलाओ वो दिये जिनसे सितारों में चमक आये।