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Kavita Kosh से
कि हर अच्छे मौसम की तरह
आज मर गया था पहाड़... r मुझे क्या पता था मुझे क्या पता था किसी की आंख के आंसू में उसके जीवन का संपूर्ण सुख तैर सकता है मुझे क्या पता था तुम्हारे अनकहे में ही तुम्हारा सारा कहा शामिल था हां मुझे नहीं पता था तुम्हारी मृत्यु में तुम्हारे जीवन की संपूर्ण सत्ता जीवंत थी