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|रचनाकार=ब्रजेश कृष्ण |अनुवादक=|संग्रह=जो राख होने से बचे हैं अभी तक / ब्रजेश कृष्ण
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उसने दहलीज पर बनाई है अल्पना
ड्वार पर टाँगा है बन्दनवार