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|रचनाकार=मनप्रसाद सुब्बा
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|संग्रह=नेत्तिफुङ्को बास्ना / मनप्रसाद सुब्बा
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अहँ, थाहै थिएन
कि तिम्रो सामुन्ने म यस्तरी