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Kavita Kosh से
हमरा मनोॅ केॅ हुलसाबै छै पैजनियाँ।
मन मेॅ उमंग भरी, प्यार के तरंग भरी
जिया केॅ सारंग सरंग मेॅ उड़ाबै छै पैजनियाँ।
झूम-झूम नाची-नाची, छन-छन बाजी-बाजी
दूर रही हमरा जराबै छै पैजनियाँ।