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जब समय था / गुलाब खंडेलवाल

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|संग्रह=एक चन्द्रबिम्ब ठहरा हुआ / गुलाब खंडेलवाल
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[[category: कविता]]
<poem>

जब समय था
तब तो तुमने आँखें फेर ली थीं,
अपने चारों ओर
तटस्थता की दीवारें घेर ली थीं,
और अब,
जब विदा की वेला आयी है,
तुम्हारी पलकों में आँसू की बूँद झिलमिलाई है

<poem>
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