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और उड़-उड़कर तुझे वे टीले
और घाटियाँ दिखायेगी
जहां जहाँ मैं थका-हारा सो जाता था,
क्षण भर को तेरी कल्पनाओं में खो जाता था.
यद्यपि वायु-लहरियों से मेरे पद-चिह्न मिट चुके होंगे,
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