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Kavita Kosh से
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दिखावा करते हैं सारे कवि
और इतना वास्तविक होताहै होता है उनका दिखावा
कि वे उस दर्द का भी दिखावा कर लेते हैं
जो उन्हें वास्तव में महसूस हो रहा होता है।