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|रचनाकार=आनंद कुमार द्विवेदी
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|संग्रह=फुर्सत में आज / आनंद कुमार द्विवेदी
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<poem>
आजकल वो मेरी पलकों से उतरता भी नहीं
लाख समझाऊँ वो अंजाम से डरता भी नहीं

आँख जो बंद करूँ, ख्वाब में आ जाता है,
इतना जिद्दी है के फिर, ख्वाब से टरता भी नहीं

उसको यूँ, मुझको सताने की जरूरत क्या है
तंग करता है महज़ , प्यार तो करता भी नहीं

यूँ तो कहता है, चलो चाँद सितारों पे चलें
रहगुजर बनके, मेरे साथ गुजरता भी नहीं

कभी कातिल, कभी मासूम नज़र आता है
ढंग से मिलता भी नहीं, और बिछुड़ता भी नहीं

कह नहीं सकता, उसे प्यार है मुझसे या नहीं,
हाँ वो कहता भी नहीं साफ़ मुकरता भी नहीं

हाल ‘आनंद’ का, मुझसे नहीं देखा जाता
ठीक से जीता नहीं , ठीक से मरता भी नहीं
</poem>
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