भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विजय सिंह नाहटा |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विजय सिंह नाहटा
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-4 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
कोई तो जांवती होवैला पगडांडी
उण मकान तांईं
केतन एक ऊंची चोटी टिरै
कोई तो जांवतो ई होवैला
रात बास्सै सारू
उजाड़ रै सुनियाड़ नै भरण
इण घाटी रै सरणाटै नै हरण।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=विजय सिंह नाहटा
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-4 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
कोई तो जांवती होवैला पगडांडी
उण मकान तांईं
केतन एक ऊंची चोटी टिरै
कोई तो जांवतो ई होवैला
रात बास्सै सारू
उजाड़ रै सुनियाड़ नै भरण
इण घाटी रै सरणाटै नै हरण।
</poem>