भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

टाबर - 3 / दीनदयाल शर्मा

563 bytes added, 02:25, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
टाबर
कित्ता बोलै सांच
नीं जाणै
बणावटी बातां
जात-पांत

अर
भेदभाव भी
नीं जाणै
टाबर

स्यात जदी हुवै
टाबर
भगवान रौ रूप।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits