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अम्बर जी ने शायरी कहने का सलीक़ा हिंदुस्तान के पंजाब राज्य के
उस्ताद शायर शिरोमणि साहित्यकार श्री [[राजेंद्र राजेन्द्र नाथ रहबर]] साहिब से सीखा है, जो जगजीत सिंह द्वारा गाई अपनी नज़्म "तेरे खुशबू में बसे ख़त मैं जलाता कैसे" के लिए विश्वप्रसिद्ध हैं।
अम्बर जी अपनी शायरी और कविता में जहाँ श्रृंगार की बातें करते हैं वहीं देशभक्ति और समसामयिक मुद्दों पर भी बढ़ चढ़ कर कलम चलाते हैं। अपने विचार बेबाकी से अपनी रचनाओं के द्वारा समाज के सामने रखते हैं।