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{{KKRachna
|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|संग्रह=इज़्ज़तपुरम् / डी. एम. मिश्र
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
परिवार कल्याण मंत्री का
‘इज़्ज़तपुरम्’ में
जोरदार स्वागत
मैडम के बँगले का
भव्य उदघाटन
आज फिर
अछूती माला पहनकर
मंत्री महोदय को
नया फीता काटना है
मूकदर्शक
तालियाँ बजानें में मग्न हैं
नारों से धरती पटे
जिंदाबाद!
जिंदाबाद!!
मिस रोजी
घिसे हुए टायर-सी
रंगत उड़ी
खोखली खड़ी सेाचे--
जिंद-आबाद!
जिंद-आबाद!!
</poem>
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|संग्रह=इज़्ज़तपुरम् / डी. एम. मिश्र
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परिवार कल्याण मंत्री का
‘इज़्ज़तपुरम्’ में
जोरदार स्वागत
मैडम के बँगले का
भव्य उदघाटन
आज फिर
अछूती माला पहनकर
मंत्री महोदय को
नया फीता काटना है
मूकदर्शक
तालियाँ बजानें में मग्न हैं
नारों से धरती पटे
जिंदाबाद!
जिंदाबाद!!
मिस रोजी
घिसे हुए टायर-सी
रंगत उड़ी
खोखली खड़ी सेाचे--
जिंद-आबाद!
जिंद-आबाद!!
</poem>