भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeetKKCatGhazal}}
<poem>
लक्ष्य हँस रहा तिरछा-तिरछा, क्योकि पार्थ पर तीर नहीं है
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,132
edits