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हौसला वह क्या जिसे कुछ मुश्किलें पीछे हटा दें?<br>
वह प्रगति भी क्या जिसे कुछ रंगिनी कलियाँ तितलियाँ,<br><br>
 
मुस्कुराकर गुनगुनाकर ध्येय-पथ, मंजिल भुला दें?<br>
जिन्दगी की राह पर केवल वही पंथी सफल है,<br>
सामने जब तक पड़ा कर्र्तव्य-पथ तब तक मनुज ओ!<br>
मौत भी आए अगर तो मौत से भिड़ना पड़ेगा,<br><br>
 
है अधिक अच्छा यही फिर ग्रंथ पर चल मुस्कुराता,<br>
मुस्कुराती जाए जिससे जिन्दगी असफल मुसाफिर!<br>
याद रख जो आँधियों के सामने भी मुस्कुराते,<br>
वे समय के पंथ पर पदचिह्न अपने छोड़ जाते,<br><br>
 
चिन्ह वे जिनको न धो सकते प्रलय-तूफान घन भी,<br>
मूक रह कर जो सदा भूले हुओं को पथ बताते,<br>
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