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महेश अश्क

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/* ग़ज़लें */
* [[खिलौने तोड़ते, पर तितलियों के नोचते बच्चे/ महेश अश्क]]
* [[तमाशा आँख को भाता बहुत है / महेश अश्क]]
* [[बिजलियाँ, लपटें, आशियाँ और हम / महेश अश्क]]
* [[दिन गुज़रता ये गिरता-पड़ता हुआ / महेश अश्क]]
* [[तुझ में तुझ से अलग जो है पलता / महेश अश्क]]
* [[आप कहते हैं जो है पैसा है / महेश अश्क]]
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