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बची हुई हसी (2006)
|विविध= राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर द्वारा`शेष होते हुए´के लिए वर्ष 1986 में सुमनेश जोशी पुरस्कार।परिमल सम्मान योजना इलाहाबाद के अन्तर्गत वर्ष 1993 में `दीवारों के पर कितनी धूप´ के लिए `सोमदत्त सम्मान´ से सम्मानित।
|सम्पर्क=
|जीवनी=[[गोविन्द माथुर / परिचय]]