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|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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1
इसके बदले माँगता, केवल तेरा प्यार।।
19
साँस - साँस में हो रहा,मुझको यह आभास।
सारे जग की सम्पदा, कविता मेरे पास।।
-0-
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