Changes

<poem>
आटे-बाटे दही पटाके,
सोलह -सोलह सबने डाटे। डाट-डूटकर चले बजार, पहुँचे सात समंदर समन्दर पार।सात समंदर समन्दर भारी-भारी,
धूमधाम से चली सवारी।
चलते-चलते रस्ता भूली, हँसते-हँसते सरसों फूली
फूल-फालकर गाए गीत,
बंदर बन्दर आए लंका जीत। जीत-जात की मिली बधाई, भर-भर पेट मिठाई खाई।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,225
edits