भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हाइकु / ज्ञानेन्द्रपति

19 bytes added, 04:42, 4 फ़रवरी 2018
{{KKCatHaiku}}
<poem>
(1)
देवता हुए
सामंत सहायक
राजतंत्र में
(2)
मिटता नहीं
सिरजा जाता जिसे
एक बार
(3)
गाते न दिखा
सुना गया हमेशा
काला झींगुर
(4)
नाम दुलारी
दुखों की दुलारी है
जमादारिन
(5)
पनही नहीं
पाँव में, गले में
पगहा है भारी
(6)
मेघ बोझिल
मन भर मौसम
छूटा अकेला
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
7,916
edits