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[[Category: सेदोका]]
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36नैनों का जलसागर–सा अतलअमृत भरे हुए,जिसने जाना,निकला वह अपनानहीं था वह बेगाना।37घट रीतेगासमय भी बीतेगा,न रीते नेह-सिन्धु,ये रात-दिनबढ़ता ही जाएगागहराई पाएगा।38पुण्यों की कोईतो बात रही होगीकि राहें मिल गईं,जागे वसन्तपाटल अधर पेॠचाएँ खिल गईं।39आग की नदीयुग बहाता रहाझुलस गया प्यार,वाणी की वर्षासबने की मिलकेहरित हुई धरा।40आएँगे लोगउठे हुए महलगिरा जाएँगे लोग,शब्दों का रसहार नहीं पाएगाप्रेम-गीत गाएगा
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