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Kavita Kosh से
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बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ए ऐ ज़िन्दगी, हम दूर से पहचान लेते हैं।
मेरी नजरें भी ऐसे काफ़िरों की जान ओ ईमाँ हैं