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{{KKRachna
|रचनाकार=[[ॠतुप्रिया]]
|अनुवादक=
|संग्रह=ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम / ॠतुप्रिया
}}
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{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
थूं
सूरज
थिर है
आपरी जिग्यां
आपरी रीसां में
बळतौ-बाळतौ
अर म्हूं
धरा
जकी
चक्करघिन्नी दाईं
रैवूं
घूमती-रिझांवती
थारै च्यारूंचफेर।
</poem>
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थूं
सूरज
थिर है
आपरी जिग्यां
आपरी रीसां में
बळतौ-बाळतौ
अर म्हूं
धरा
जकी
चक्करघिन्नी दाईं
रैवूं
घूमती-रिझांवती
थारै च्यारूंचफेर।
</poem>