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<poem>
एक पेड़ से अलग होकर
दूसरे पेड़ पर कलम की गई
डाल की भाँती भाँति झूल रहा हूँ.... झूल रहा हूँ
धुन्ध... धुन्ध चहुँ ओर छाई है
धुन्ध के बीच में भूल रहा हूँ... भूल रहा हूँ