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उपवन / हरिवंशराय बच्‍चन

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''"मत कह- उपवन का खोल द्वार!
यह नृप का उपवन कहलाता,
नृप सम्‍मुख दंड कड़ा पाता,
अंदर आने का तज विचार!''"
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