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जीवकान्तक कवितामेहमरा देशमेसन्हिआएल बढ़ि गेल अछिखोपड़ी पर बैसल चिड़ैकट्टरपंथी लोकदुआरि-दुआरि छिछिआइत कुकुरखाँड़ोक पानिमे हेलै महीसकट्टरपंथी संगठनआ मायक देह पर छड़पैत बेदरा।ओकर विचारक।
जीवकान्तक कवितामेहमरा देशमेलतरल बढ़ि गेल अछि मधुबनी पेंटिंगभोतिआएल अछि नाराखादीक कुर्ताउधिआएल लुप्त भऽ रहल अछि कोशीक पानिहुलकैत गाँधीक विचारबढ़ि रहल अछि वेदना।ब्लू फिल्मक चलनजुअनके न´ि, बुढ़बो सभमे।
हमरा देशमे
खुजि गेल अछि
हत्याक चैनल
शोणितसँ सानल अछि
अखबारक पृष्ठ
बाजारवादक शोणिताएल चाँगुरमे
सकपंज अछि
महलसँ खोपड़ी धरि।
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