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{{KKRachna
|रचनाकार=अनु जसरोटिया
|अनुवादक=
|संग्रह=ख़ुशनुमा / अनु जसरोटिया
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
तेरी राहें बड़ी हसरत से इन आंखों ने देखी हैं
तेरी यादें ,तेरी बातें, मेरी रातों को डसती हैं
बहुत कुछ दिल ने सोचा है बहुत कुछ हमने कहना है
चले आओ निगाहें अब नज़र भर को तरसती हैं
महब्बत की हसीं राहों में हम तन्हा नहीं चलते
हमारी सब की सब महरुमियां भी साथ चलती हैं
उन आंखों का छलक जाना हमें अच्छा नहीं लगता
हमें वो मुस्कुराती शोख़ आंखें अच्छी लगती हैं
हमारी नर्म -ग़ुफ़तारी पे क्ंयू हैरान है दुनिया
फलों से जो लदी हों डालियां अक्सर वो झुकती हैं
</poem>
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|रचनाकार=अनु जसरोटिया
|अनुवादक=
|संग्रह=ख़ुशनुमा / अनु जसरोटिया
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तेरी राहें बड़ी हसरत से इन आंखों ने देखी हैं
तेरी यादें ,तेरी बातें, मेरी रातों को डसती हैं
बहुत कुछ दिल ने सोचा है बहुत कुछ हमने कहना है
चले आओ निगाहें अब नज़र भर को तरसती हैं
महब्बत की हसीं राहों में हम तन्हा नहीं चलते
हमारी सब की सब महरुमियां भी साथ चलती हैं
उन आंखों का छलक जाना हमें अच्छा नहीं लगता
हमें वो मुस्कुराती शोख़ आंखें अच्छी लगती हैं
हमारी नर्म -ग़ुफ़तारी पे क्ंयू हैरान है दुनिया
फलों से जो लदी हों डालियां अक्सर वो झुकती हैं
</poem>