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उसकी थकान / मनमोहन

3 bytes added, 15:30, 5 अक्टूबर 2018
<poem>
यह उस स्त्री की थकान थी
कि वह हंस हँस कर रह जाती थी
जबकि
वे समझते थे
कि अंततः अन्ततः उसने उन्हें
क्षमा कर दिया !
</poem>
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